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जुकाम: लक्षण, पहचान, और रोकथाम

जुकाम या फ्लू वैसे वायरस से होता है, जो श्वासनली को प्रभावित करते हैं। ये छूत की तेजी से फैलनेवाली बीमारी है, जो बीमार व्यक्ति के खांसने या छींकने से आसानी से फलती है।

जुकाम या फ्लू वैसे वायरस से होता है, जो श्वासनली को प्रभावित करते हैं। ये छूत की तेजी से फैलनेवाली बीमारी है, जो बीमार व्यक्ति के खांसने या छींकने से आसानी से फैलती है।

जुकाम छूने भर से भी फैल सकता है। बालिग उम्र के लोगों में जुकाम के लक्षण सामने आने के 2 दिन पहले से ही छूने भर से बीमारी फैलने लगती है और बीमारी शुरु होने के बाद 7 दिनों तक रह सकती है। इसका मतलाब साफ है कि जुकाम का पता लगने के पहले से ही उसका फैलना शुरु हो जाता है।

एक अनुमान के मुताबिक एक साल में ढाई से पांच लाख लोगों की मौत होती है। भारी उद्योगों से भरपूर देशों में 65 साल से अधिक उम्र के लोगों में जुकाम से मरनेवालों की संख्या अधिक होती है।

किसी देश में भारी संख्या में लोगों को फ्लू हो जाए, तो जुकाम महामारी की तरह फैल सकती है।

अब बीमारी के लक्षणों पर ध्यान देते हैं:

आमतौर पर लोग फ्लू और ठंड लगने में फर्क नहीं कर पाते। जुकाम और ठंड लगने के लक्षणों में नाक बहना, कफ और गले में खराश शामिल हैं।

निम्नलिखित लक्षण जुकाम को ठंड से अलग करते हैं:

  • सिर में दर्द
  • घुटनों और जोड़ों में दर्द
  • तेज बुखार
  • थकान, हरारत
  • कंपकंपी, पसीना आना
  • पेट से जुड़ी बीमारियां, जैसे, मिचली, दस्त उल्टी (ये लक्षण बच्चों और बड़ों - दोनों में पाए जाते हैं)

ये लक्षण एक सप्ताह तक रह सकते हैं, जबकि कमजोरी और हरारत कई हफ्ते तक हो सकती है।

जुकाम कितनी गंभीर बीमारी है?

अधिकतर मामलों में जुकाम की बीमारी गंभीर नहीं होती-इससे बेचैनी होती है। लेकिन कुछ दुर्भाग्यशाली मामलों में फ्लू से कई पेचीदगियां पैदा होती हैं। ऐसा छोटे बच्चों, वृद्धों और लम्बे समय तक बीमार रहनेवालों में होता है, जिनके शरीर की प्रतिरोधी क्षमता कम हो जाती है।

गंभीर जुकाम से होनेवाली पेचीदगियों में जोखिम ज़्यादा होता है:

  • 65 वर्ष से अधिक उम्र के व्यक्ति
  • छोटे और नवजात बच्चे
  • दिल की बीमारियों से ग्रस्त मरीज
  • ब्रॉन्काइटिस और अस्थमा जैसी बीमारियों के मरीज
  • किडनी की बीमारी के मरीज
  • मधुमेह से पीड़ित मरीज
  • स्टेरॉयड लेनेवाले मरीज
  • कैंसर का इलाज करा रहे मरीज

जुकाम से जुड़ी कुछ पेचीदगियों में शरीर में पानी की कमी, बैक्टीरिया से होनेवाला न्यूमोनिया शामिल हैं। इनसे भी गंभीर स्थिति में सीने में रुकावट, मधुमेह और अस्थमा के मरीजों के दिल की धड़कन रुक सकती है।

जुकाम का इलाज:

जुकाम वायरस से होता है, जिसमें एंटीबायोटिक्स तब तक असरदार नहीं होती, जब तक बैक्टीरिया से जुड़ी कोई अन्य बीमारी ना हो जाए। कुछ सामान्य लक्षण, जैसे सिर में दर्द और शरीर में दर्द का इलाज दर्द निवारक दवाओं जैसे पारासिटामोल से किया जा सकता है।

जुकामग्रस्त मरीजों को ये करना चाहिए:

  • घर पर रहें
  • ठीक होने तक लोगों के सम्पर्क में आने से बचें
  • डिटॉल लिक्विड हैंडवॉश या हैंड सैनिटाइजर से अपने हाथ को कीटाणुओं से दूर रखें
  • आराम करें और शरीर को गर्म रखें
  • तरल खाद्य और पेय का अधिकतम इस्तेमाल करें
  • शराब से दूर रहें
  • धूम्रपान बंद कर दें
  • मरीज के लिए अलग बर्तन का इस्तेमाल करें और उसे डिटॉल मल्टीयूज हाइजिन लिक्विड से साफ करें

फ्लू से कैसे बचें?

स्वास्थ्य विशेषज्ञ और दुनियाभर की सरकारी एजेंसियों की सलाह है कि जुकाम से बचाव का सर्वश्रेष्ठ तरीका है हर साल वैक्सिन लेना

दो किस्म की दवाएं उपलब्ध हैं। फ्लू शॉट और नाक में स्प्रे करनेवाली फ्लू की दवा। फ्लू शॉट सिरींज के ज़रिये आमतौर पर बांह में दी जाती है। 6 महीने से अधिक उम्र के किसी भी व्यक्ति के लिए इस प्रक्रिया के इस्तेमाल की अनुमति है।

नाक में स्प्रे करने वाला फ्लू वैक्सिन जीवित, कमज़ोर फ्लू वायरस से तैयार होता है, जो आपको बीमार नहीं करते।

जुकाम के तीन तरह के वायरस होते हैं - A (H3N2) वायरस, A (H1N2) वायरस, और B वायरस। जैसे-जैसे वायरस पैदा लेते और बढ़ते हैं, वैसे-वैसे वैक्सिन बदले जाते हैं।

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